Sunday, 6 March 2022

Imam Azam Abu Hanifa RadiAllahu Anhu



आपका नाम नोअमान वालिद का नाम साबित और कुन्नियत अबू हनीफा है, आप 80 हिजरी में पैदा हुए )खैरातुल हिसान,सफह 70(

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Imam Azam Abu Hanifa RadiAllahu Anhu

हज़रत शेख अब्दुल हक़ मुहद्दिस देहलवी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु फरमाते हैं कि आपका ज़िक्र तौरैत शरीफ में भी यूं मौजूद है कि "मुहम्मद सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम की उम्मत में एक नूर होगा जिसकी कुन्नियत अबू हनीफा होगी (तआर्रुफ फिक़ह व तसव्वुफ,सफह 225)

 

 खुद हुज़ूर सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि "मेरी उम्मत में एक मर्द पैदा होगा जिसका नाम अबू हनीफा होगा वो क़यामत में मेरी उम्मत का चराग़ है (मनाक़िबिल मोफिक,सफह 50)

 

बुखारी व मुस्लिम शरीफ की हदीसे पाक है हुज़ूर सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि "अगर ईमान सुरैया के पास भी होता तो फारस का एक शख्स उसे हासिल कर लेता" इस हदीस की शरह में हज़रत जलाल उद्दीन सुयूती रज़ियल्लाहु तआला अन्हु फरमाते हैं कि उस शख्स से मुराद इमामे आज़म अबू हनीफा रज़ियल्लाहु तआला अन्हु हैं  (तबयिदुल सहीफा,सफह 7)

 

सुरैया चौथे आसमान पर एक सितारे का नाम है

आप ताबईन इकराम के गिरोह से हैं क्योंकि आपने कई सहाबा इकराम की ज़ियारत की है,बाज़ ने 20 सहाबी से मुलाक़ात का ज़िक्र किया और बाज़ ने 26 और भी इख्तिलाफ पाया जाता है,मगर इसमें कोई इख्तेलाफ नहीं कि आपकी सहाबियों से मुलाक़ात ना हुई हो क्योंकि खुद बराहे रास्त आपने 7 सहाबा इकराम से हदीस सुनी है जिनमे सबसे अफज़ल सय्यदना अनस बिन मालिक रज़ियल्लाहु तआला अन्हु हैं,फिर अब्दुल्लाह बिन हारिस,जाबिर बिन अब्दुल्लाह,मअकल बिन यसार,वासला बिन यस्क़ा, अब्दुल्लाह बिन अनीस,आयशा बिन्त अजरद रिज़वानुल्लाहे तआला अलैहिम अजमईन शामिल हैं (बे बहाये इमामे आज़म,सफह 62)

 

 हज़रत दाता गंज बख्श लाहौरी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु लिखते हैं कि एक मर्तबा आपने गोशा नशीन होने का इरादा फरमा लिया था,रात को हुज़ूर सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम ख्वाब में तशरीफ लाये और फरमाया कि "ऐ अबू हनीफा तेरी ज़िन्दगी अहयाये सुन्नत के लिए है तू गोशा नशीनी का इरादा तर्क कर दे" तो आपने ये इरादा तर्क कर दिया (कशफुल महजूब, सफह 162)

 

फिक़ह हनफी पर ऐतराज़ करने वालों और हर बात में बुखारी बुखारी की रट लगाने वालो देखो कि इमाम बुखारी ने इल्म किससे सीखा, इमाम बुखारी के उस्ताज़ हैं इमाम अहमद बिन हम्बल उनके उस्ताज़ हैं इमाम शाफई उनके उस्ताज़ हैं इमाम मुहम्मद उनके उस्ताज़ हैं इमाम अबू यूसुफ और आप के उस्ताज़ हैं इमामुल अइम्मा इमामे आज़म रिज़वानुल्लाही तआला अलैहिम अजमईन (इमामे आज़म,सफह 195)

 

 आपसे बेशुमार करामतें ज़ाहिर है और बेशुमार वाक़ियात किताबों में मौजूद है,चन्द यहां ज़िक्र करता हूं:

क़ुरान मुक़द्दस को 1 रकात में पढ़ने वाले 4 हज़रात हैं जिनमे हज़रत उसमान ग़नीहज़रत तमीम दारीहज़रत सईद बिन जुबैर, और हमारे इमाम इमामे आज़म रिज़वानुल्लाही तआला अलैहिम अजमईन हैं (क्या आप जानते हैं,सफह 211)

 

 इमाम ज़हबी रहमतुल्लाह तआला अलैही फरमाते हैं कि आपका पूरी रात इबादत करना तवातर से साबित है और 30 सालों तक 1 रकात में क़ुरान पढ़ते रहे और 40 सालों तक ईशा के वुज़ू से फज्र अदा की,आप रमज़ान में 61 कलाम पाक खत्म किया करते थे एक दिन में एक रात में और एक पूरे महीने की तरावीह में, आपने 55 हज किये (इमामे आज़म,सफह 75)

 

आलाहज़रत अज़ीमुल बरक़त रज़ियल्लाहु तआला अन्हु फरमाते हैं कि अगर रूए ज़मीन के आधे इंसानो के साथ इमामे आज़म की अक़्ल को तौला जाए तो इमामे आज़म की अक़्ल भारी होगी ( फतावा रज़वियह,जिल्द 1,सफह 123)

 

आप जब रौज़ए अनवर पर हाज़िरी देते और सलाम पेश करते तो जाली मुबारक से आवाज़ आती व अलैकुम अस्सलाम या इमामुल मुस्लेमीन  (तज़किरातुल औलिया,सफह 165)

 

एक मर्तबा एक दहरिये (नास्तिक यानि खुदा का मुनकिर) से आपका मुनाज़रा तय हुआ,आप मुनाज़रे में काफी देर से पहुंचे तो उसने देर से आने की वजह पूछी तो आप फरमाते हैं कि अगर मैं ये कहूं कि अभी अभी मैंने एक बड़ी ही अजीब बात देखी ये कि मैं एक जंगल की तरफ निकल गया वहां एक नदी थी अचानक एक पेड़ खुद से कटकर गिर गया फिर उसकी लकड़ी से फौरन ही कश्ती बन गयी फिर वो कश्ती नदी में खुद ही चलने लगी और मुसाफिरों को इधर से उधर छोड़ने लगी और पैसा भी खुद वसूल करती तो क्या तुम मान लोगे,ये सुनकर वो हंसने लगा कि आप इतने बड़े इमाम होकर ऐसी बात करते हैं क्या कहीं खुद से पेड़ भी कट सकता है और क्या खुद से कश्ती बन सकती है ये तो मुमकिन ही नहीं तो इमामे आज़म फ़रमाते हैं कि सोचो जब एक कश्ती खुद से नहीं बन सकती तो फिर इतनी बड़ी दुनिया ये ज़मीन आसमान ये सूरज चांद सितारे ये सब खुद बखुद कैसे बन सकते हैं,अब जब दहरिये ने ये सुना तो उसकी दिल की दुनिया बदल गई फौरन आपके क़दमों में गिरा और मुसलमान हो गया ( तफसीरे कबीर,जिल्द 1,सफह 221)

 

एक शादी में दो भाईयों की शादी दो बहनों से हुई,मगर इत्तेफाक ये हुआ कि एक दूसरे की दुल्हनें बदल गयी छोटे की दुल्हन बड़े के पास और बड़े की दुल्हन छोटे के पास चली गयी,जब दूसरे दिन लोगों को मालूम हुआ तो घर वाले सब परेशान हाल हज़रत सूफियान के पास पहुंचे और उनसे सारी बात बताई उन्होंने कहा कोई बात नहीं ये गलती से हुआ है लिहाज़ा सोहबत की वजह से महर वाजिब हो गया है वो अदा कर दें और आज रात जिसकी शादी जिसके साथ हुई है वो उसी के साथ रहे,जब हज़रत इमामे आज़म से पूछा गया तो आपने दोनों लड़कों को बुलाया और पूछा कि रात तुमने जिसके साथ गुज़ारी क्या वो तुम्हे पसंद है दोनों ने हां कहा,तो आप फरमाते हैं कि इसका बेहतरीन रास्ता ये है कि दोनों अपनी अपनी बीवियों को तलाक़ दे दें चुंकि बीवी से सोहबत हुई ही नहीं इसलिए इद्दत इन पर वाजिब नहीं और जिसके साथ रात गुज़री उनसे निकाह कर ले फौरन ही दोनों ने अपनी अपनी बीवियों को तलाक़ दिया और रात जिसके साथ गुज़ारी थी उनसे निकाह हो गया ( जवाहिरूल बयान,सफह 86)

 

 



Saturday, 6 February 2016

خوارج کی نشانیاں قرآن و حدیث کی روشنی میں

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں

أَحْدَاثُ الْأَسْنَانِ
’’وہ کم سن لڑکے ہوں گے۔‘‘
بخاری، الصحيح، کتاب استتابة المرتدين والمعاندين وقتالهم، باب قتل الخوارج والملحدين بعد إقامة الحجة عليهم، رقم : 6930
مسلم، الصحيح، کتاب الزکاة، باب التحريض علی قتل الخوارج، رقم : 1066

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
سُفَهَاءُ الْأَحْلَامِ.
’’دماغی طور پر ناپختہ ہوں گے۔‘‘
بخاری، الصحيح، کتاب استتابة المرتدين والمعاندين وقتالهم، باب قتل الخوارج والملحدين بعد إقامة الحجة عليهم، رقم : 6930
مسلم، الصحيح، کتاب الزکاة، باب التحريض علی قتل الخوارج، رقم : 1066

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
کَثُّ اللِّحْيَةِ.
’’ گھنی ڈاڑھی رکھیں گے۔‘‘
بخاري، الصحيح، کتاب المغازي، باب بعث علی بن أبي طالب وخالد بن الوليد إلی اليمن قبل حجة الوداع، رقم : 4351
مسلم، الصحيح، کتاب الزکاة، باب ذکر الخوارج وصفاتهم، رقم : 1064

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
مُشَمَّرُ الْإِزَارِ.
’’بہت اونچا تہ بند باندھنے والے ہوں گے۔‘‘
بخاری، الصحيح، کتاب المغازی، باب بعث علی ابن أبی طالب و خالد بن الوليد، إلی اليمن قبل حجة الوداع، رقم : 4351
مسلم، الصحيح، کتاب الزکاة، باب ذکر الخوارج وصفاتهم، رقم : 1064

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
يَخْرُجُ نَاسٌ مِنْ قِبَلِ الْمَشْرِقِ.
’’یہ لوگ (حرمین شریفین کے) مشرق کی جانب سے نکلیں گے۔‘‘
بخاری، الصحيح، کتاب التوحيد، باب قراء ة الفاجر والمنافق وأصواتهم وتلاوتهم لا تجاوز حناجرهم، رقم : 7562

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
6. لَا يَزَالُوْنَ يَخْرُجُوْنَ حَتّٰی يَخْرُجَ آخِرُهُمْ مَعَ الْمَسِيْحِ الدَّجَّالِ.
’’یہ ہمیشہ نکلتے رہیں گے یہاں تک کہ ان کا آخری گروہ دجال کے ساتھ نکلے گا۔‘‘
نسائي، السنن، کتاب تحريم الدم، باب من شهر سيفه ثم وضعه في الناس، رقم : 4103

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
لَا يُجَاوِزُ إِيْمَانُهُمْ حَنَاجِرَهُمْ.
’’ایمان ان کے حلق سے نیچے نہیں اترے گا۔‘‘
بخاری، الصحيح، کتاب استتابة المرتدين والمعاندين وقتالهم، باب قتل الخوارج والملحدين بعد إقامة الحجة عليهم، رقم : 6931
مسلم، الصحيح، کتاب الزکاة، باب التحريض علی قتل الخوارج، رقم : 1066

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
يَتَعَمَّقُوْنَ وَيَتَشَدَّدُوْنَ فِی الْعِبَادَةِ.
’’وہ عبادت اور دین میں بہت متشدد اور انتہاء پسند ہوں گے۔‘‘
أبويعلی، المسند، 1 : 90، رقم : 90
عبد الرزاق، المصنف، 10 : 155، رقم : 18673

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
يَحْقِرُ أَحَدُکُمْ صَلَاتَهُ مَعَ صَلَاتِهِمْ، وَصِيَامَهُ مَعَ صِيَامِهِمْ.
’’تم میں سے ہر ایک ان کی نمازوں کے مقابلے میں اپنی نمازوں کو حقیر جانے گا
 اور ان کے روزوں کے مقابلہ میں اپنے روزوں کو حقیر جانے گا۔‘‘
بخاری، الصحيح، کتاب استتابة المرتدين والمعاندين وقتالهم، باب من ترک قتال الخوارج للتألف وأن لا ينفر الناس عنه، رقم : 6933
مسلم، الصحيح، کتاب الزکاة، باب ذکر الخوارج وصفاتهم، رقم : 1064

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
لَا تُجَاوِزُ صَلَاتُهُمْ تَرَاقِيَهُمْ.
’’نماز ان کے حلق سے نیچے نہیں اترے گی۔‘‘
مسلم، الصحيح، کتاب الزکاة، باب التحريض علی قتل الخوارج، رقم : 1066

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
يَقْرَئُوْنَ الْقُرْآنَ لَيْسَ قِرائَتُکُمْ إِلَی قِرَاءَ تِهِمْ بِشَيءٍ.
’’وہ قرآن مجید کی ایسے تلاوت کریں گے کہ
 ان کی تلاوتِ قرآن کے سامنے تمہیں اپنی تلاوت کی کوئی حیثیت دکھائی نہ دے گی۔‘‘
مسلم، الصحيح، کتاب الزکاة، باب التحريض علی قتل الخوارج، رقم : 1066

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
يَقْرَئُوْنَ الْقُرْآنَ لَا يُجَاوِزُ حُلُوْقَهُمْ.
’’ان کی تلاوت ان کے حلق سے نیچے نہیں اترے گی۔‘‘
بخاری الصحيح، کتاب استتابة المرتدين والمعاندين وقتالهم، باب قتل الخوارج والملحدين بعد إقامة الحجة عليهم، رقم : 6931
مسلم، الصحيح، کتاب الزکاة، باب ذکر الخوارج وقتاله، رقم : 1064

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
يَقْرَئُوْنَ الْقُرْآنَ يَحْسِبُوْنَ أَنَّهُ لَهُمْ، وَهُوَ عَلَيْهِمْ.
’’وہ یہ سمجھ کر قرآن پڑھیں گے کہ اس کے احکام ان کے حق میں ہیں
لیکن درحقیقت وہ قرآن ان کے خلاف حجت ہوگا۔‘‘
مسلم، الصحيح، کتاب الزکاة، باب التحريض علی قتل الخوارج، رقم : 1066

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
يَدْعُونَ إِلَی کِتَابِ اﷲِ وَلَيْسُوا مِنْهُ فِي شَيْئٍ.
’’وہ لوگوں کو کتاب اﷲ کی طرف بلائیں گے
 لیکن قرآن کے ساتھ ان کا تعلق کوئی نہیں ہوگا۔‘‘
أبو داود، السن، کتاب السنة، باب في قتل الخوارج، رقم : 4765

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
يَقُوْلُوْنَ مِنْ خَيْرِ قَوْلِ الْبَرِيَّةِ.
’’وہ (بظاہر) بڑی اچھی باتیں کریں گے۔‘‘
بخاری، الصحيح، کتاب استتابة المرتدين والمعاندين وقتالهم
، باب قتل الخوارج والملحدين بعد إقامة الحجة عليهم، رقم : 6930
مسلم، الصحيح، کتاب الزکاة، باب التحريض علی قتل الخوارج، رقم : 1066

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
يَقُوْلُوْنَ مِنْ أَحْسَنِ النَّاسِ قَوْلًا.
’’ان کے نعرے (slogans) اور ظاہری باتیں دوسرے لوگوں سے اچھی ہوں گی
 اور متاثر کرنے والی ہوں گی۔‘‘
طبراني، المعجم الأوسط، 6 : 186، الرقم : 6142

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
يُسِيْئُوْنَ الْفِعْلَ.
’’مگر وہ کردار کے لحاظ سے بڑے ظالم، خونخوار اور گھناؤنے لوگ ہوں گے۔‘‘
أبوداود، السنن، کتاب السنة، باب في قتال الخوارج، رقم : 4765

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
هُمْ شَرُّ الْخَلْقِ وَالْخَلِيْقَةِ.
’’وہ تمام مخلوق سے بدترین لوگ ہوں گے۔‘‘
مسلم، الصحيح، کتاب الزکاة، باب الخوارج شر الخلق والخليقة، الرقم : 1067

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
يَطْعَنُوْنَ عَلٰی أُمَرَائِهِمْ وَيَشْهَدُوْنَ عَلَيْهِمْ بِالضَّلَالَةِ.
’’وہ حکومت وقت یا حکمرانوں کے خلاف خوب طعنہ زنی کریں گے اور ان پر گمراہی و ضلالت کا فتويٰ لگائیں گے۔‘‘
ابن أبي عاصم، السنة، 2 : 455، رقم : 934
هيثمي، مجمع الزوائد، 6 : 228، وقال : رجاله رجال الصحيح.

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
يَخْرُجُوْنَ عَلٰی حِيْنِ فُرْقَةٍ مِنَ النَّاسِ.
’’وہ اس وقت منظرِ عام پر آئیں گے جب لوگوں میں تفرقہ اور اختلاف پیدا ہو جائے گا۔‘‘
بخاری، الصحيح، کتاب المناقب، باب علامات النبوة في الإسلام، رقم : 3610
مسلم، الصحيح، کتاب الزکاة، باب ذکر الخوارج وصفاتهم، رقم : 1064

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
يَقْتُلُوْنَ أَهْلَ الإِسْلَامِ وَيَدْعُوْنَ أَهْلَ الْأَوْثَانِ.
’’وہ مسلمانوں کو قتل کریں گے اور بت پرستوں کو چھوڑ دیں گے۔‘‘
بخاری، الصحيح، کتاب التوحيد، باب قول اﷲ تعالی : تعرج الملائکة والروح إليه، رقم : 7432
مسلم، الصحيح، کتاب الزکاة، باب ذکر الخوارج وصفاتهم، رقم : 1064

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
يَسْفِکُوْنَ الدَّمَ الْحَرَامَ.
’’وہ ناحق خون بہائیں گے۔‘‘
مسلم، الصحيح، کتاب الزکاة، باب التحريض علی قتل الخوارج، رقم : 1066

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
. يَقْطَعُوْنَ السَّبِيْلَ وَيَسْفِکُوْنَ الدِّمَاءَ بِغَيْرِ حَقٍّ مِنَ اﷲِ
وَيَسْتَحِلُّوْنَ أَهْلَ الذِّمَّةِ. (من کلام عائشة رضي اﷲ عنها)
’’وہ راہزن ہوں گے، ناحق خون بہائیں گے جس کا اﷲ تعاليٰ نے حکم نہیں دیا
 اور غیر مسلم اقلیتوں کے قتل کو حلال سمجھیں گے۔‘‘
(یہ حضرت عائشہ صدیقہ رضی اللہ عنہا کا فرمان ہے۔)
حاکم، المستدرک، 2 : 166، رقم : 2657

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
يُؤْمِنُونَ بِمُحْکَمِهِ وَيَهْلِکُونَ عِنْد مُتَشَابِهه.
(قول ابن عباس رضی الله عنه)
’’وہ قرآن کی محکم آیات پر ایمان لائیں گے جبکہ اس کی متشابہات کے سبب سے ہلاک ہوں گے۔‘‘ (قولِ ابنِ عباس رضی اللہ عنہ(
طبری، جامع البيان فی تفسير القرآن، 3 : 181
عسقلاني، فتح الباری، 12 : 300

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
يَقُوْلُوْنَ الْحَقَّ بِأَلْسِنَتِهِمْ لَا يُجَاوِزُ حُلُوْقَهُمْ (قول علي رضی الله عنه)
’’وہ زبانی کلامی حق بات کہیں گے، مگر وہ ان کے حلق سے نیچے نہیں اترے گی۔‘‘
(قولِ علی رضی اللہ عنہ)
مسلم، الصحيح، کتاب الزکاة، باب التحريض علی قتل الخوارج، الرقم : 1066

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
ينْطَلِقُوْنَ إِلَی آيَاتٍ نَزَلَتْ فِي الْکُفَّارِ فَيَجْعَلُوْهَا عَلَی الْمُؤْمِنِيْنَ
(من قول ابن عمر رضی الله عنه)
’’وہ کفار کے حق میں نازل ہونے والی آیات کا اطلاق مسلمانوں پر کریں گے۔
اس طرح وہ دوسرے مسلمانوں کو گمراہ، کافر اور مشرک قرار دیں گے تاکہ ان کا ناجائز قتل کر سکیں۔‘‘
(قولِ ابنِ عمر رضی اللہ عنہ سے مستفاد)
بخاری، الصحيح، کتاب، استتابة المرتدين والمعاندين وقتالهم، باب قتل الخوارج والملحدين بعد إقامة الحجة عليهم، 6 : 2539

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
27. يَمْرُقُوْنَ مِنَ الدِّيْنِ کَمَا يَمْرُقُ السَّهْمُ مِنَ الرَّمِيَّةِ.
’’وہ دین سے یوں خارج ہو چکے ہوں گے جیسے تیر شکار سے خارج ہو جاتا ہے۔‘‘
بخاری، الصحيح، کتاب استتابة المرتدين والمعاندين وقتالهم، باب قتل الخوارج والملحدين بعد إقامة الحجة عليهم، رقم : 6931
مسلم، الصحيح، کتاب الزکاة، باب التحريض علی قتل الخوارج، رقم : 1066

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
ان کی علامت سر منڈوانا ہوگی۔"
بخاری، الصحيح، کتاب التوحيد، باب قراء ة الفاجر والمنافق وأصواتهم وتلاوتهم لا تجاوز حناجرهم, رقم : 7562
خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
اَلْأَجْرُ الْعَظِيْمُ لِمَنْ قَتَلَهُمْ.
’’ان کے قتل کرنے والے کو اجرِ عظیم ملے گا۔‘‘
مسلم، الصحيح، کتاب الزکاة، باب التحريض علی قتل الخوارج، رقم : 1066

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
. خَيْرُ قَتْلَی مَنْ قَتَلُوْهُ.
’’وہ شخص بہترین مقتول (شہید) ہوگا جسے وہ قتل کر دیں گے۔‘‘
ترمذی، السنن، کتاب تفسير القرآن، باب ومن سورة آل عمران، رقم : 3000

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
شَرُّ قَتْلَی تَحْتَ أَدِيْمِ السَّمَاءِ.
’’وہ آسمان کے نیچے بدترین مقتول ہوں گے۔‘‘
ترمذی، السنن، کتاب تفسير القرآن، باب ومن سورة آل عمران. رقم : 3000

خوارج کی نشانیاں
قرآن و حدیث کی روشنی میں
إِنَّهُمْ کِلَابُ النَّارِ.
’’بےشک وہ ( خوارج) جہنم کے کتے ہوں گے۔‘‘
ترمذی، السنن، کتاب تفسير القرآن، باب ومن سورة آل عمران، رقم : 3000


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